मणिपुर में केंद्र सरकार के ‘फ्री मूवमेंट अभियान’ के पहले ही दिन हिंसा भड़की


ईदुल अमीन
डेस्क: एक वर्ष से अधिक समय से सांप्रदायिक हिंसा में जल रहे मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के उपरांत केंद्र सरकार ने पुरे राज्य में सुरक्षित आवागमन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘फ्री मूवमेंट अभियान’ लागू किया था। आज इस अभियान की शुरुआत हुई और आज ही हिंसा भड़क उठी।
बताते चले कि फ्री मूवमेंट अभियान के तहत राजधानी इम्फाल से सेनापति जिला होते हुए कांगपोकपी तक और इम्फाल से चुराचांदपुर होते हुए बिष्णुपुर तक बस सेवाएं शुरू की गईं। इसके अलावा अन्य प्रमुख रास्तों पर भी बसें चलाई गईं। तनाव तब बढ़ा जब इम्फाल से सेनापति जा रही बसों के काफिले को कुकी बहुल इलाके में रोक दिया गया। घटना कांगपोकपी में हुई। सुरक्षाबलों ने हस्तक्षेप करते हुए बल प्रयोग किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और उन्हें सड़क से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए।
मैतेई और कुकी बहुल क्षेत्रों के बीच लोगों की मुक्त आवाजाही बाधित थी। मई 2023 में संघर्ष शुरू होने के बाद , समुदायों के बीच विश्वास टूट गया। मैतेई लोग कुकी-बहुल पहाड़ियों से चले गए, जबकि कुकी लोगों ने मैतेई-बहुल क्षेत्रों को छोड़ दिया। तब से, गैस सिलेंडर और बाकी की जरूरी चीजों को ट्रकों के माध्यम से चुराचांदपुर, कांगपोकपी और सेनापति तक पहुंचाया जाता है। ताकि इन चीजों की कमी ना हो। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदेश दिया था कि इन क्षेत्रों में सुरक्षित आवागमन को चालू किया जाए।
इस आदेश के बाद ही कुकी समुदाय के लोगों ने चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि उनकी मांगों पर विचार करने के बाद ही ऐसा कुछ किया जाए। 9 फरवरी को बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। इसके बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्यपाल अजय भल्ला के पास है। शाह के आदेश को अमल में लाने के लिए सुरक्षाबलों ने मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर कदम उठाए थे।
सुबह 9 बजे से, बीएसएफ-एस्कॉर्ट वाले काफिले ने मैतेई समुदाय के लोगों को इम्फाल हवाई अड्डे से कांगपोकपी के रास्ते सेनापति तक पहुंचाना शुरू कर दिया। जबकि सीआरपीएफ-एस्कॉर्ट वाले काफिले ने इम्फाल हवाई अड्डे और चुराचांदपुर के बीच बसों को एस्कॉर्ट किया। आगे भी सरकारी बसों को सुरक्षाबलों की ओर से सुरक्षा दी जाएगी। मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने कहा है कि राज्य परिवहन की बसें सीएपीएफ के संरक्षण में चलेंगी। ताकि जनता की असुविधाओं को कम किया जा सके और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।
12 मार्च से इम्फाल से चुराचांदपुर के बीच हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होंगी। अधिकारियों ने ये भी कहा है कि सार्वजनिक आवागमन में बाधा डालने के किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल दिसंबर में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार ने भी कुछ ऐसा ही प्रयास किया था। उन्होंने इम्फाल से कांगपोकपी और चुराचांदपुर तक सरकारी बसों की सुविधा शुरू की थी। लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।